Wednesday, March 9, 2011

कहाँ से आयी ?

ये नई   बात   मेरे मन   में कहाँ से आयी
तेरी धड़कन मेरी धड़कन में कहाँ से आयी

दिल की दीवारें तो पत्थर की बना ली मैंने
सोचता हूँ ये  ग़ज़ल मन में  कहाँ से आयी

मैं उजालों में ही दिन रात  रहा करता था
ये ये सियाही मेरे दरपन में कहाँ से आयी

अब तो वो फूल निगाहों से भी ओझल हैं 'मिज़ाज'
ये   महक   रात  को   आँगन   में   कहाँ   से   आयी