ज़िन्दगी सब की शानदार रहे
सबके हाथों में रोज़गार रहे.
दिल को ख़ाली कभी न रहने दो
कुछ नहीं है, तो इंतज़ार रहे.
अम्न के वास्ते ज़रूरी है
जिसको चाहें, उसे भुला भी सकें
दिल पे इतना तो इख्तियार रहे.
इक ग़ज़ल , एक शेर या मिसरा
कुछ तो अपनी भी यादगार रहे.
- Ashok Mizaj
सबके हाथों में रोज़गार रहे.
दिल को ख़ाली कभी न रहने दो
कुछ नहीं है, तो इंतज़ार रहे.
अम्न के वास्ते ज़रूरी है
हम को इक दूसरे से प्यार रहे.
जिसको चाहें, उसे भुला भी सकें
दिल पे इतना तो इख्तियार रहे.
इक ग़ज़ल , एक शेर या मिसरा
कुछ तो अपनी भी यादगार रहे.
- Ashok Mizaj
अशोक जी, बेहद ही खूबसूरत गज़ल है। बाकी गज़लें भी दिल को छूलेने वाली हैं। मेरी शुभकामनाएं।
ReplyDelete-महेश सोनी