मत डरो बिंदास चल दो
ज़िद करो दुनिया बदल दो
जल रहे हैं जो अज़ल से
उन सवालों के भी हल दो
कोशिशें करके तो देखो
एक मरहम और मल दो
ये कमल कीचड़ में खुश हैं
लाख तुम पानी बदल दो
मुश्किलें जो सर उठायें
उनको पैरों से कुचल दो
नफरतों की इस सदी को
प्यार की कोई ग़ज़ल दो
bahut jam ke likha hai aap ne
ReplyDeletevery nice